आंखों में काजल भरा होठों पर है पान। आज किसका हो रहा है, ये कत्ल का इंतजाम।
दिल से दिल मिला था,होठों से होठ मिले थे उन रातों में प्यार के, कुंवारे फूल खिले थे।
मेरे होठों की हँसी मेरे पापा, की बदोलत है, मेरी आँखों में खुशी मेरे, पापा की बदोलत है , पापा किसी खुदा से कम नही क्योकि मेरी ज़िन्दगी की, सारी खुशी पापा की बदोलत है |